नमस्ते दोस्तों! आज हम एक ऐसी सियासी जंग की बात करेंगे जो सुर्खियों में छाई हुई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी तीर चल रहे हैं। मामला है भाषा नीति और निष्पक्ष सीमांकन का, जिस पर स्टालिन ने योगी के बयानों को “ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला रूप” करार दिया है। आखिर क्या है यह पूरा विवाद? चलिए, इसकी इनसाइड स्टोरी जानते हैं और समझते हैं कि क्यों यह मुद्दा पूरे देश में गूंज रहा है!
योगी का हमला: “संकीर्ण सियासत” का आरोप
सब कुछ तब शुरू हुआ जब योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में स्टालिन पर निशाना साधा। योगी ने कहा कि तमिलनाडु में त्रिभाषा नीति का विरोध और सीमांकन पर सवाल उठाना “संकीर्ण सियासत” का हिस्सा है। उनके मुताबिक, स्टालिन अपने वोट बैंक को बचाने के लिए क्षेत्र और भाषा के आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। योगी ने यह भी जोड़ा कि तमिल भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, जिसका हर भारतीय सम्मान करता है, तो फिर हिंदी से नफरत क्यों? उनका कहना था कि भाषा जोड़ती है, तोड़ती नहीं।
लेकिन स्टालिन चुप रहने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने योगी के इस हमले का जवाब ऐसा दिया कि सियासी गलियारों में हलचल मच गई।
स्टालिन का पलटवार: “हमें नफरत पर लेक्चर न दें”
गुरुवार को स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने लिखा, “तमिलनाडु की #TwoLanguagePolicy और #FairDelimitation पर निष्पक्ष और मजबूत आवाज पूरे देश में गूंज रही है—और बीजेपी साफ तौर पर घबरा गई है। उनके नेताओं के इंटरव्यू देख लीजिए। और अब माननीय योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर लेक्चर देना चाहते हैं? हमें बख्श दें। यह विडंबना नहीं है—यह ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला रूप है।”
स्टालिन ने साफ किया कि तमिलनाडु किसी भाषा के खिलाफ नहीं है। उनका विरोध “थोपने और अहंकार” के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “यह वोटों के लिए दंगे कराने वाली सियासत नहीं है। यह सम्मान और न्याय की लड़ाई है।” स्टालिन का यह बयान न सिर्फ योगी को जवाब था, बल्कि बीजेपी की नीतियों पर भी करारा प्रहार था।
भाषा और सीमांकन का मुद्दा क्यों है गर्म?
अब सवाल यह है कि यह विवाद इतना बड़ा क्यों बन गया? तमिलनाडु लंबे वक्त से दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) का समर्थन करता रहा है और हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर थोपने का विरोध करता है। स्टालिन का मानना है कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। दूसरी ओर, सीमांकन (delimitation) का मुद्दा भी गंभीर है। स्टालिन चाहते हैं कि लोकसभा सीटों का बंटवारा जनसंख्या के आधार पर न हो, वरना दक्षिणी राज्य प्रतिनिधित्व में पीछे रह जाएंगे।
इस मुद्दे पर स्टालिन की आवाज को देशभर में समर्थन मिल रहा है, जिससे बीजेपी बैकफुट पर दिख रही है। योगी का बयान इसी घबराहट का नतीजा माना जा रहा है।
“ब्लैक कॉमेडी” क्यों कहा?
स्टालिन ने योगी के बयान को “ब्लैक कॉमेडी” क्यों करार दिया? शायद इसलिए कि योगी, जो खुद विवादों से घिरे रहे हैं, अब तमिलनाडु को “नफरत की सियासत” पर ज्ञान दे रहे हैं। स्टालिन का तंज यह संदेश देता है कि योगी का यह रुख हास्यास्पद होने के साथ-साथ गंभीर भी है। यह एक ऐसा सियासी ड्रामा है, जो हंसी और चिंता दोनों पैदा करता है।
आगे क्या?
यह जंग यहीं खत्म नहीं होने वाली। स्टालिन ने साफ कर दिया है कि तमिलनाडु अपनी मांगों पर अड़ा रहेगा, वहीं योगी और बीजेपी इस मुद्दे को राष्ट्रीय एकता से जोड़कर पेश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सियासी नाटक किस करवट बैठता है।
आप क्या सोचते हैं?
दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या स्टालिन का स्टैंड सही है, या योगी की बात में दम है? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं। अगर यह लेख आपको पसंद आया, तो इसे शेयर करें और हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। सियासत की ऐसी ही रोचक खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ!
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