नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री अनुमुला रेवंत रेड्डी की एक ऐसी कहानी की, जो सुर्खियों में छाई रही। क्या आपको पता है कि हमारे मौजूदा सीएम कभी ड्रोन उड़ाने के चक्कर में 16 रातें जेल में बिता चुके हैं? जी हाँ, यह कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि एक सच्ची घटना है जो साल 2020 में घटी थी। इस लेख में हम आपको इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी बताएंगे, जिसमें बीआरएस नेता केटी रामाराव (KTR) का भी जिक्र आएगा। तो चलिए, बिना देर किए शुरू करते हैं!
ड्रोन उड़ाने का विवाद: क्या था पूरा मामला?
साल 2020 में रेवंत रेड्डी तब कांग्रेस के सांसद थे और तेलंगाना में विपक्ष की मजबूत आवाज माने जाते थे। उस वक्त एक घटना ने सबको चौंका दिया। आरोप था कि रेवंत ने हैदराबाद के नरसिंगी इलाके में एक ड्रोन उड़ाया, जिसने बीआरएस नेता केटी रामाराव के कथित फार्महाउस की तस्वीरें खींचीं। यह फार्महाउस जनवाड़ा में स्थित था, और इस घटना ने सियासी हलचल मचा दी। पुलिस ने इसे निजता का उल्लंघन माना और रेवंत को हिरासत में ले लिया।
लेकिन सवाल यह है—क्या वाकई यह सिर्फ ड्रोन की तस्वीरों का मामला था, या इसके पीछे कोई बड़ी सियासी साजिश थी? उस वक्त बीआरएस की सरकार थी, और रेवंत उनके खिलाफ मुखर थे। कई लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई उन्हें चुप कराने की कोशिश थी। खैर, सच जो भी हो, इस घटना ने रेवंत को 16 रातों के लिए जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
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16 रातों की जेल: रेवंत का संघर्ष
जेल में बिताई गईं 16 रातें रेवंत रेड्डी के लिए आसान नहीं थीं। उस वक्त उनकी गिरफ्तारी को लेकर खूब बवाल हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे “सियासी बदला” करार दिया, वहीं बीआरएस ने कहा कि यह कानून का पालन था। लेकिन इन सबके बीच रेवंत ने हिम्मत नहीं हारी। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने और जोर-शोर से बीआरएस सरकार के खिलाफ आवाज उठाई, जो बाद में उनकी 2023 की चुनावी जीत का आधार बनी। आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह साफ है कि वह जेल यात्रा उनके करियर का टर्निंग पॉइंट थी।
केटी रामाराव का कनेक्शन
अब बात करते हैं केटी रामाराव (KTR) की। उस वक्त KTR बीआरएस के बड़े नेता और तेलंगाना सरकार में मंत्री थे। ड्रोन से कथित तौर पर उनके फार्महाउस की तस्वीरें लेने का मामला सामने आने के बाद सियासी तनाव और बढ़ गया। KTR और रेवंत की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। दोनों के बीच जुबानी जंग आज भी जारी है। हाल ही में KTR ने रेवंत पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें TDR घोटाले से लेकर सरकार की नाकामी तक की बातें शामिल हैं। लेकिन उस ड्रोन कांड ने दोनों के रिश्ते में आग में घी डालने का काम किया था।
कोर्ट ने दी राहत: ड्रोन केस हुआ खारिज
2025 में एक बड़ी खबर आई—तेलंगाना हाई कोर्ट ने रेवंत रेड्डी के खिलाफ ड्रोन उड़ाने के उस पुराने केस को खारिज कर दिया। जस्टिस के. लक्ष्मण ने इस मामले को रद्द करते हुए रेवंत को बड़ी राहत दी। कोर्ट के इस फैसले के बाद रेवंत के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं विपक्ष ने इसे “सत्ता का दुरुपयोग” बताया। लेकिन यह साफ है कि यह फैसला रेवंत के लिए एक बड़ी जीत है, जो अब मुख्यमंत्री के तौर पर तेलंगाना को नई दिशा दे रहे हैं।
आज क्या है स्थिति?
आज रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं, और उनकी सरकार कई बड़े फैसले ले रही है। वहीं, KTR विपक्ष में बैठकर सरकार पर हमले कर रहे हैं। ड्रोन विवाद भले ही पुरानी बात हो गई हो, लेकिन यह घटना तेलंगाना की सियासत में एक अहम अध्याय के तौर पर याद की जाती है। यह कहानी हमें बताती है कि सत्ता की राह आसान नहीं होती—यहाँ हिम्मत, रणनीति और थोड़ा ड्रामा सब चाहिए!
आपकी राय क्या है?
तो दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या रेवंत का ड्रोन कांड सियासी साजिश थी, या यह एक आम कानूनी मामला था? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं। अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना न भूलें। तेलंगाना की सियासत से जुड़ी ऐसी ही रोचक खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ!